अपने तीसरे प्रयास में प्रेरणा को इतनी बड़ी सफलता मिली
प्रेरणा ने भेल्लौर से बायोटेक की पढ़ाई की, फिर एनआईटी राउरकेला से एमटेक की डिग्री हासिल की। इसी दौरान प्रेरणा को टीसीएस और एचसीएल से ऑफर भी मिले, लेकिन उन्होंने लाखों का पैकेज छोड़ कर सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया।
संवाददाता पटना
जहां चाह वही रहा। बिहार की प्रेरणा ने संकल्प किया और आईएएस बनकर दिखा दिया। यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया में 57वां रैंक लाने वाली बिहार की बेटी प्रेरणा पिछले तीन साल से डीएफओ यानि वन पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। अपने तीसरे प्रयास में प्रेरणा को यूपीएससी परीक्षा में इतनी बड़ी सफलता मिली।
समस्तीपुर के एक शिक्षक दम्पति की बेटी प्रेरणा दीक्षित ने शहर के होली मिशन स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद पटना सेंट्रल स्कूल से प्लस टू की परीक्षा पास की।
इसके बाद उन्होंने भेल्लौर से बायोटेक की पढ़ाई की, फिर एनआईटी राउरकेला से एमटेक की डिग्री हासिल की। इसी दौरान प्रेरणा को टीसीएस और एचसीएल से ऑफर भी मिले, लेकिन उन्होंने लाखों का पैकेज छोड़ कर सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया। दीक्षित ने पढ़ाई के बाद इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज की परीक्षा दी और पहली बार में ही 16वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त किया।
आम तौर पर शादी के बाद लड़कियों के साथ नौकरी, पढ़ाई के एडजस्टमेंट को लेकर समस्या आती है, लेकिन प्रेरणा को इस मामले में बिल्कुल अलग माहौल मिला। उनके पति लक्ष्मण, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान उनके बैचमेट भी थे, ने शादी के बाद न केवल मानसिक रूप से सपोर्ट किया बल्कि पढ़ाई में मदद कर मेंटोर भी बने।