नोटबंदी का असर: बड़ी गिरावट के साथ 7.1% रही जीडीपी ग्रोथ
नोटबंदी का असर लगभग हर सेक्टर पर रहा। 2016-17 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान जीडीपी ग्रोथ महज 6.1 फीसदी पर अटक गई। जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के महज 6.1 पर्सेंट पर सिमटने के बाद भारत का सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था का तमगा भी छिन गया है।
By Roy Tapan Bharati/New Delhi
यही नहीं 2016-17 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान जीडीपी ग्रोथ महज 6.1 फीसदी पर अटक गई। जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के महज 6.1 पर्सेंट पर सिमटने के बाद भारत का सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था का तमगा भी छिन गया है। इसी तिमाही के दौरान चीन की इकॉनमिक ग्रोथ 6.9 पर्सेंट रही है। 8 कोर सेक्टर्स की ग्रोथ भी अप्रैल महीने में बीते साल की तुलना में 8.7 पर्सेंट के मुकाबले 2.5 फीसदी पर आकर ठहर गई है।
नोटबंदी का असर लगभग हर सेक्टर पर रहा। 8 कोर सेक्टर्स में अप्रैल महीने में आई गिरावट की बड़ी वजह कोयला, क्रूड ऑइल और सीमेंट के उत्पादन में कमी आने से हुई। बीते साल अप्रैल में 8 इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों- कोयला, क्रूड ऑइल, नैचरल गैस, रिफाइनरी प्रॉडक्ट्स, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और बिजली, की ग्रोथ रेट 8.7 फीसदी थी। लेकिन इस साल यह सिमटकर महज 2.5 फीसदी तक आ गई।
वहीं, मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 5.1 फीसदी रही है। इस तरह कहा जा सकता है कि नोटबंदी के चलते विकास दर में यह बड़ी गिरावट आई है। यही नहीं बड़े पैमाने पर रोजगार देने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ भी 12.7 पर्सेंट से कम होकर 5.3 पर्सेंट पर आकर सिमट आ गई है।