जज के समझाने पर आडवाणी ने दस्तखत किए

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कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी 

12 आरोपियों पर धारा 295 ए यानी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने और धारा 505 सार्वजनिक शांति भंग करने या विद्रोह कराने की मंशा से गलत बयानी करने का आरोपी भी माना गया है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आज अलग तेवर में थे। अदालत ने उनके समेत तमाम नेताओं पर आरोप-पत्र तय कर दिया। पर आडवाणी पांच मिनट तक मान-मनौवल्ल के बाद आरोप-पत्र पर दस्तखत करने को तैयार हुए। इस दौरान जज को भी देखा गया कि उन्होंने भी आडवाणी को समझाया।
अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराने के आरोप में मंगलवार को लखनऊ की सीबीआई अदालत में आडवाणी की पेशी हुई। केस में आडवाणी समेत सभी 12 आरोपियों पर आरोप तय हो गए हैं। 
 
कोर्ट में जब आडवाणी से आरोप पत्र के कागज पर साइन करने को कहा गया तब उन्होंने साइन करने से मना करते हुए कहा कि वह इन आरोपों के नहीं मानते। करीब 5 मिनट तक वकील और जज के समझाने के बाद आडवाणी ने कागज पर दस्तखत किए। इससे पहले अयोध्या मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी समेत सभी 12 आरोपियों पर आरोप तय हो गए हैं।
 
12 आरोपियों पर धारा 295 ए यानी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने और धारा 505 सार्वजनिक शांति भंग करने या विद्रोह कराने की मंशा से गलत बयानी करने का आरोपी भी माना गया है। बुधवार से सीबीआई की अदालत इस मामले में सुनवाई शुरू करेगी। कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को 20 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।
लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत 6 धाराओं के तहत मुकदमा चलाएगी। धारा 120 B यानी आपराधिक साजिश, धारा 153 यानी दंगे के लिए उकसावा देना, धारा 153-ए समाज में नफरत फैलाना, धारा 295 किसी धार्मिक स्थल को तोड़ने के मामले में केस इन नेताओं पर केस चलेगा।
 

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