सिंगापुर का लिटल इंडिया, वाकई में लिटल इंडिया

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सिंगापुर दुनिया का अनोखा देश है, जिसके पास ज्यादा संसाधन न होने के बावजूद दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था है। वो दुनिया में अहम कारोबारी स्थान रखता है।

रंजना राय, विदेश यात्रा से लौटकर बंगलोर से

शायद आप सब जानते होंगे कि सिंगापुर को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। यहां मुख्य रूप से चाइनीज और अंग्रेजी भाषा प्रचलित हैं। यहां कई तरह के मनोरंजक स्थल हैं, साथ ही यह आधुनिक तकनीक तथा सर्वसुविधा युक्त संपन्न शहर है। अगर आप भी विदेश भ्रमण करना चाहते हैं तो सिंगापुर द्वीप को चुनना आपके लिए फायदेमंद रहेगा, क्योंकि यहां कई धर्मों में विश्वास रखने वाले, विभिन्न देशों की संस्कृति, इतिहास तथा भाषा के लोग एकजुट होकर रहते हैं। सिंगापुर में दो ही तरह का मौसम होता है। या तो गर्मी या फिर बारिश। उन दिनों भी वहां का तापमान लगभग 34 -35 डिग्री के आसपास चल रहा था।
सिंगापुर दक्षिण एशिया में मलेशिया तथा इंडोनेशिया के बीच में स्थित है। वैसे तो सिंगापुर को सिंहों का पुर माना जाता है यानी इसे सिंहों का शहर भी कहा जाता है। सैर-सपाटे की दृष्‍टि से कई प्रकार के मनोरंजक स्थल मौजूद हैं, जो पर्यटकों का मन लुभाते हैं। विश्व के सबसे प्रमुख बंदरगाहों में से एक सिंगापुर है तथा यह प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है। यहां का हवाई अड्डा आधुनिक तकनीक तथा सर्वसुविधा संपन्न है। यहां के कई मनमोहक दृश्य देखने के बाद आंखों के सामने उन नजरों को हटाना मुश्किल सा लगता है।
थोड़ा आगे बढे तो देखा लिटल इंडिया वाकई में लिटल इंडिया ही था। वहां पंजाबी सूट से लेकर दक्षिण भारतीय साड़ियाँ मिल रही थी। किसी दुकान पर दक्षिण भारतीय संगीत बज रहा था को एक पंजाबी रेस्त्रां में तो यो यो हनी सिंह भी सुनाई दे रहा था। एक बात वहां बड़ी दिलचस्प थी। वहां ढेर सारी ज़ेवरों की दुकाने थी। मुझे लगा कि इस तरह ज़ेवर खुले में रखे है तो नकली ज़ेवर ही होंगे। पर बड़े खूबसूरत ज़ेवर थे बिलकुल असली ज़ेवरों जैसे। उत्सुकतावश वहां एक दुकानदार से एक छोटी सी नाक की लॉन्ग का रेट पूछा तो उन्होंने सोने के भाव से कैलकुलेट करके लगभग 240 डॉलर यानी 12000 रूपये बताया। तब पता चला कि ये सब असली हीरे और सोने के ज़ेवर थे। वहां भी भारत की तरह पटरी बाजार लगा था जिसमे खूब भीड़ भी थी लेकिन मज़ाल है कि कही कोई जाम लग जाए या भीड़ में किसी की जेब कट जाए या फिर महिलाओं के साथ किसी तरह की बदतमीज़ी हो जाये। वहां ज्यादातर लडकियां शॉर्ट्स और कट स्लीव्स की और खुले गले की टी शर्ट्स में थी जबकि स्त्रियों ने ज्यादातर वन पीस मिड्डी पहनी हुई थी। लड़के भी हाफ पेंट और टी शर्ट में थे। वहां माहौल बहुत खुला था। किसी की आँखों में किसी महिला के लिए कोई वाहियात या गलत ख्याल नहीं था।
आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि सिंगापुर दुनिया का सबसे साफ-सुथरा शहर है। पर्यावरण के लिहाज से बात करें तो सिंगापुर global commerce, finance & transport का विशाल Hub है। यहां अंतरराष्ट्रीय एजुकेशन एक्जिबिशन बड़े पैमाने पर आयोजित आयोजित किया जाता है। यहां अंतररारष्ट्रीय एजुकेशन एक्जिबिशन बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाते हैं। यहां की मुख्य भाषा अंग्रेजी है पर तमिल भी अधिकृत भाषा में गिनी जाती हैं। लोग जितने खूबसूरत हैं उतने ही खुशहाल भी। टैक्सी वाला हो या सब्जीवाला, सभी आपसे बहुत ही करीने से पेश आता है।
पर्यावरण को लेकर उनके अंदर बहुत जागरुकता दिखाई दी। हर अपार्टमेंट के हर फ्लोर पर वृक्षों से सजावट करना, अपार्टमेंट के नीचे कंट्री साइड में में भी और स्टार्ट कर रिक्शा से सजावट करना अपार्टमेंट के countryside में लोगों को खेती करने के लिए प्रेरित करना। शहर के बीचों-बीच जंगल walk create किया गया है।
साइकिलिंग करने वालों के लिए उत्तम व्यवस्था है। App के द्वारा जगह-जगह से साइकिल बुकिंग कर सकते हैं। मैं और मेरे पति राजीव राय, जो दोनों ही नेचर को बहुत पसंद करते हैं, हमें यह जगह बहुत भाता है। टूरिस्ट अट्रैक्शन सिटी हाइलाइट्स के अलावा garden by the bay ek खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट है। Santosa island is one of the famous tourist attraction . Indian , Asian & thai खाने का बेहतरीन रेस्टोरेंट है। वैसे हम लोग अपने बड़े भाई साहब-बिजय रायजी के इकलौते बेटे प्रणव राय के यहां रुके थे जो कि इको सेंचुरी अपार्टमेंट सिंगापुर में रहता है और इसलिए हमें घर की खाने-पीने सौभाग्य प्राप्त था ।
हम लोग सिंगापुर में 4 दिन रहने के बाद बाली, इंडोनेशिया की यात्रा पर निकल गए एक सप्ताह की छुट्टी पर। बाली इंडोनेशिया का खूबसूरत द्वीप है और यह पर्यटकों के लिए लुभावना शहर है।
बाली की सभ्यता हमारी सभ्यता से काफी मिलती जुलती है। यहां के लोग काफी धार्मिक है और स्वभाव के धनी भी यहां लगभग 85% हिंदू आबादी बसती है और हिंदू देवी देवताओं जैसे ब्रह्मा विष्णु महेश और बुद्धदेव की पूजा की जाती है और मंदिरों में आम आदमी को पूजा करने की अनुमति नहीं है। वर्ष में सिर्फ खास दिनों में ही आप पूजा कर सकते हैं। यहां के मंदिरों में आप पारंपरिक लिबास में ही प्रवेश कर सकते हैं, यहां धान की खेती बहुत बड़ी मात्रा में की जाती है। एक टूरिस्ट अट्रैक्शन पॉइंट है।
बाली में Subuk irrigation system, rice terraces,wood carving torta empul temple, ulun danu temple, kuta beach, Named beach, Muda fua, monkeys forest, rich balanese dance जैसे कुछ खास आकर्षण केंद्र हैं। यहां की अर्थव्यवस्था tourism, agriculture , fishing,stone arts, handicrafts,painting,and worden furniture पर आधारित है। बिना प्रदूषण वाले द्वीप में छुट्टी बिताना हम दोनों को बहुत अच्छा लगा। जिंदगी में मौका मिला तो हम फिर बाली और सिंगापुर जाएंगे क्योंकि इन द्वीपों में जिंदगी की लहर अलग किस्म की हो जो मुझे भाती है।

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