पूर्व भारतीय नेवी अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी को लेकर पाकिस्तान 6 महीने के भीतर अंतिम फैसला ले सकता है। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है कि जाधव को फांसी देने को लेकर अंतिम फैसला 6 महीने में लिया जा सकता है।
बता दें कि हाल में पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि जाधव के मुद्दे पर उनका देश किसी अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं बल्कि अपने कानून के मुताबिक काम करेगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान विएना कन्वेंशन ऑन कॉन्स्यलर रिलेशंस, 1963 (VCCR) समझौते के तहत भारत की जाधव से मुलाकात करने की अपील पर कोई फैसला नहीं करेगा। जाधव को मौत की सजा सुनाने के पीछे क्या कारण थे, इस सवाल पर बासित ने कहा, ‘उन्हें (जाधव) पिछले साल 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जासूसी और (पाकिस्तान को) नुकसान पहुंचाने के आरोपों के तहत ट्रायल चला और सजा सुनाई गई। इसमें मनमानी जैसी कोई बात नहीं है। ऐसे अपराधों में पाकिस्तानियों को भी मौत की सजा सुनाई जाती है।’
इससे पहले जाधव को राजनयिक पहुंच देने को लेकर पाकिस्तान ने उन्हें ‘सीरियल किलर’ करार देते हुए कहा कि उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान करना कोई ‘स्वत: विकल्प नहीं’ है। बता दें कि जाधव को भारत के लिए कथित जासूसी करने के लिए पाकिस्तान के आर्मी कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है।