धर्मशाला. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को कांगड़ा पहुंचे। कांगड़ा एयरपोर्ट पर प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने उनका स्वागत किया। इसके बाद शाह ने खुली जीप में रोड शो भी किया। इसके बाद भाजपा के नेताओं के साथ बैठक में शाह ने कहा कि बीजेपी के तीन साल के केंद्र शासन में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में नोटबंदी और डीमोनेटाइजेशन ऐतिसाहिक फैसला रहा है।
गौरतलब है कि हिमाचल में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। इसलिए भाजपा अभी से पूरी तैयारी कर रही है। पिछले हफ्ते पीएम नरेंद्र मोदी भी शिमला पहुंचे थे और एक रैली को संबोधित किया था। अब अमित शाह दो दिन के दौरे पर हैं। बुधवार को शाह ने यह भी कहा कि वन रैंक वन पेंशन का सबसे ज्यादा फायदा हिमाचल को हुआ है।
1500 बाइक्स के साथ रोड शो…
करीब 1500 बाइक्स के साथ भाजयुमो कार्यकर्ता अमित शाह के रोड शो में शामिल हुए। 2 दिन के प्रवास पर आए शाह भाजपा की विस्तारक बैठक कांगड़ा जिले में पालमपुर के पास मैंझा में होने जा रही है। विभिन्न सत्रों में होने वाली इस बैठक में संगठनात्मक मुद्दे, राज्य के सियासी हालात और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव चर्चा का मुख्य विषय रहेगा। इसके अलावा अमित शाह नेताओं व कार्यकर्ताओं को चुनाव संबंधी महत्वपूर्ण टिप्स देंगे।
अमित शाह अपने काम यानी चुनावी रणनीति के लिए जाने जाते हैं। इसे वह एक विधानसभा चुनाव में ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में अपनी चुनावी रणनीति की कुशलता को साबित कर चुके हैं। इसलिए, माना जा रहा है कि हिमाचल में इनका दो दिन का दौरा काफी अहम होगा। इस दौरान यह पार्टी को सत्ता में भारी बहुमत से लाने के लिए पार्टी के नेताओं को गुरूमंत्र दे सकते हैं। इतना ही नहीं यह पार्टी के हर नेता को टारगेट के मुताबिक काम करना होगा।
अमित शाह अपने काम यानी चुनावी रणनीति के लिए जाने जाते हैं। इसे वह एक विधानसभा चुनाव में ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में अपनी चुनावी रणनीति की कुशलता को साबित कर चुके हैं। इसलिए, माना जा रहा है कि हिमाचल में इनका दो दिन का दौरा काफी अहम होगा। इस दौरान यह पार्टी को सत्ता में भारी बहुमत से लाने के लिए पार्टी के नेताओं को गुरूमंत्र दे सकते हैं। इतना ही नहीं यह पार्टी के हर नेता को टारगेट के मुताबिक काम करना होगा।
गुटबाजी करने वालों की खैर नहीं:
अमित शाह को दो दिन के दौरे के दौरान हिमाचल भाजपा की राजनीति में गुटबाजी को तूल दे रहे नेताओं की खैर नहीं है। अपने दौरे में पार्टी के खिलाफ कहीं भी निजी हितों को देखते हुए काम करते हैं तो उन्हें औपचारिकता नहीं बल्कि पूरी तरह से पार्टी से बाहर किया जाएगा। इसके लिए अध्यक्ष की ओर से निर्देश जारी किए जा सकते हैं।