नई दिल्ली। चुनाव आयोग EVM की विश्वसनीयता पर उठे सवालों के मुद्दे को लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टीज के साथ 12 मई को बैठक कर सकता है। देश के 16 विपक्षी दलों ने EVM को लेकर सवाल खड़े किए हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि आयोग का कहना है कि इस बैठक में वह सभी दलों को यह समझाने की कोशिश करेगा कि EVM पूरी तरह भरोसेमंद है और इसके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।क्या है EVM कॉन्ट्रोवर्सी?
-मायावती ने यूपी इलेक्शन में हार के बाद कहा था कि चुनाव जनता ने नहीं, EVM ने हराया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 325 सीट जीतकर भी बनावटी मुस्कराहट से साफ होता है कि चुनाव धांधली कराकर जीता है।
– वहीं, केजरीवाल ने कहा था, ”पंजाब में AAP का 20 से 25% वोट EVM के जरिए अकालियों को ट्रांसफर हो गया। मेरा मानना है कि हम जीत रहे थे और EVM में गड़बडी के असली कारण क्या थे, इसका मुझे पता नहीं है। अगर ईवीएम में गड़बड़ी की जाती है तो चुनावों का क्या मतलब? हमें पंजाब में सत्ता से बाहर रखने के लिए सारा खेल किया गया।”
– कुछ दिन पहले दिल्ली नगर निगमों के चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आप और कांग्रेस ने मशीनों पर फिर से सवाल उठाए। AAP पार्टी के नेताओं ने कहा कि ये मोदी नहीं, ईवीएम लहर है। लेकिन बाद में कुछ नेताओं ने माना कि हार के लिए पूरी तरह से EVMs को दोष देना सही नहीं, AAP अपनी कमियां भी तलाशे।