सीरियन बॉर्डर से लगे तुर्की के इनकिरलिक एयरबेस पर अपने फाइटर जेट्स और सैनिकों को भेज रहा है। तुर्की के फॉरेन मिनिस्टर मेवलुत कावुसोगलु ने भी इसे कन्फर्म किया है। उन्होंने कहा, “अगर आईएसआईएस के खिलाफ जमीनी हमले की कोई रणनीति बनाई जाती है, तो तुर्की और सऊदी इसमें शामिल हो सकते हैं।शुक्रवार को रूस के पीएम दमित्री मेदवेदेव ने वॉर्निंग दी थी कि अगर सीरिया में अरब देशों के सैनिक आते हैं, तो वर्ल्ड वॉर शुरू होगा।
फॉरेन मिनिस्टर मेवलुत ने कहा, “आईएसआईएस के खिलाफ यूएस के अभियान में मदद करने के लिए सऊदी अपने सैनिक व फाइटर जेट्स भेज रहा है।हालांकि, मेवलुत ने सैनिकों और फाइटर जेट्स की तादाद के बारे में कुछ भी नहीं बताया है।सऊदी के फॉरेन मिनिस्टर अदेल अल-जुबैर ने एक जर्मन न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “असद को रूस का चाहे कितना भी सपोर्ट हासिल हो, पर वह सत्ता में बने नहीं रह सकते।
असद को सत्ता से बेदखल करने में तीन महीने, छह महीने या तीन साल भी लग सकते हैं। पर उन्हें हटना ही होगा।उन्होंने सीरिया में रूसी दखल की आलोचना करते हुए कहा, “असद के सपोर्ट में रूसी बमबारी से लोग परेशान हैं। वह असद को बेदखल होते देखना चाहते हैं।शुक्रवार को प्रमुख देशों द्वारा सीजफायर समझौते के बावजूद असद ने कहा है, “जंग जारी रहेगी। पूरे देश को आतंकी मुक्त कराकर रहेंगे।उन्होंने कहा, “विद्रोहियों को हराने में वक्त लग सकता है, पर उनके खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।”
-देश के भीतर कुछ राष्ट्र विरोधी ताकत है, जिस कारण आतंकियों को हराने में वक्त लग रहा है।फरवरी के पहले हफ्ते में सीरियन फॉरेन मिनिस्टर वालिद अल मोअल्लेम ने अरब सेना के किसी भी तरह की मैदानी घुसपैठ करने पर सैनिकों को ताबूत में भेजने की धमकी दी थी।तब उन्होंने कहा था, “जिस तरह उन्होंने (सुन्नी अरब देशों) यमन और दूसरे इलाकों में किया है, उससे लगता है कुछ भी हो सकता है।
बता दें कि यमन में सऊदी नेतृत्व में गल्फ कंट्रीज, सरकार बहाल करने व शिया विद्रोही लड़ाकों के खात्मे को लेकर मार्च 2015 से ऑपरेशन चला रही है।वॉर से बेहाल सीरिया में 10 लाख से भी ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। ये असद विरोधी सेना के हमले वाले इलाके में फंसे बताए जा रहे हैं। यूनाइटेड नेशन्स की हालिया रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है।