ट्राई ने भारत में फेसबुक की कोशिशों को बड़ा झटका दिया है. ट्राई ने मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों पर अलग-अलग डेटा इस्तेमाल के लिए अलग-अलग टैरिफ की पेशकश पर पाबंदी लगा दी है. केंद्र सरकार ने नेट न्यूट्रेलिटी के पक्ष में अपना फैसला दिया है. ट्राई ने इसका ऐलान करते हुए कहा कि अलग-अलग डेटा इस्तेमाल के लिए अलग-अलग कीमत नहीं देनी होगी.
इस फैसले के साथ ही फेसबुक की फ्री इंटरनेट बेसिक अभियान को बड़ा झटका लगा है. टेलीकॉम कंपनियों ने उपभोक्ताओं को इसके तहत खास ऑफर देने की बात कही थी. ट्राई के इस फैसले के बाद वह मामला फंस गया है. फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने फ्री बेसिक्स स्कीम को लेकर कहा गया था कि इसके जरिए ग्रामीण भारत के लाखों लोगों को मुफ्त में इंटरनेट दी जाएगी.
भारतीय टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी (TRAI) ने नेट न्यूट्रेलिटी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए फेसबुक के ‘फ्री बेसिक्स’ और एयरटेल के ‘एयरटेस जीरो’ योजना को तगड़ा झटका दिया है. पहले फेसबुक ने ‘फ्री बेसिक्स’ योजना को लागू कराने के लिए Trai पर काफी दबाव बनाया और अपनी योजना के पक्ष में पिटिशन साइन कराने का अभियान चलाया था. इसके पहले रिलांयस के साथ मिलकर फेसबुक ने इंटरनेट ओआरजी प्लान की घोषणा की थी.
ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगर कोई सर्विस प्रोवाइडर इसे नहीं मानता है तो उससे टैरिफ प्लान वापस लेने कहा जाएगा. निर्देश के उल्लंघन की तारीख से ही उस पर 50 हजार रुपये रोजाना की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा.
शर्मा ने साफ किया कि इमरजेंसी के दौरान प्रोवाइडर चाहें तो टैरिफ प्लान्स कम कर सकते हैं, वहीं आम दिनों में टैरिफ स्थान, सोर्स और ऐप्लिकेशन पर निर्भर नहीं करेंगे. टेलीकॉम रेग्युलेटरी ने सर्कुलर जारी कर कहा कि मोबाइल कंपनियां अब उपभोक्ता से किसी भी तरह का करार नहीं कर सकती हैं और न ही अलग सुविधा के लिए कीमत की शर्त ही लगा सकती है.