सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू न करने पर BCCI को फटकारा

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सुप्रीम कोर्ट उच्चतम न्यायालय ने BCCI को फटकार लगाते हुए कहा कि देश में क्रिकेट के खेल की इस शीर्ष संस्था के व्यापक पुनर्गठन का सुझाव देने संबंधी लोढा समिति की सिफारिशों के मामले में रास्ते पर आ जाए.उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सख्त संदेश देते हुए बृहस्पतिवार को उससे कहा कि देश में क्रिकेट के खेल की इस शीर्ष संस्था के व्यापक पुनर्गठन का सुझाव देने संबंधी न्यायमूर्ति आरएम लोढा समिति की सिफारिशों के मामले में रास्ते पर आ जाए.

शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति की सिफारिशें ‘सीधी, तर्कसंगत और समझ में आने योग्य’ हैं और ‘सम्मान की हकदार हैं’ और समिति से अहसमत होने की कोई वजह नहीं है जिसमें विधिक समुदाय के सबसे प्रबुद्ध और सम्मानित सदस्य हैं.’ शीर्ष अदालत ने लोढा समिति की सिफारिशें लागू करने के बारे में जवाब देने के लिए क्रि केट नियंत्रण बोर्ड को चार सप्ताह का समय दिया है, लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि इसके सभी दावेदारों को लंबे समय तक पर्याप्त समय दिया गया है.

और अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले उनके दृष्टिकोण पर भी विचार किया गया और ऐसी स्थिति में इन सिफारिशों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीसीसीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े के इस कथन के बाद ये टिप्पणियां कीं कि इन सिफारिशों पर बोर्ड के 30 सदस्यों में परामर्श की आवश्यकता है और चूंकि बोर्ड की कानूनी समिति की बैठक 7 फरवरी को हो रही है, इसलिए जवाब देने के लिए चार सप्ताह का वक्त दे दिया जाए.

हालांकि, पीठ ने कहा, ‘आप सभी को सुना जा चुका है और आपने समिति को अपने दृष्टिकोण से अवगत भी करा दिया था. अपने मुवक्किल से कहिए कि सिफारिशों पर सख्त नजरिया अपनाए. आप बच नहीं सकते. आप सिफारिशें देखिए. इन सिफारिशों का सम्मान होना चाहिए. ये विधिक समुदाय के सबसे प्रबुद्ध और सम्मानित सदस्यों ने दी हैं. उन्होंने लोगों को आमंत्रित किया था और सभी पक्षों के साथ विस्तार से विचार-विमर्श किया. सिफारिशें सीधी, समझ में आने योग्य और तर्कसंगत हैं.’

पीठ ने कहा कि सबसे अच्छा होगा कि रास्ते पर आ जाओ और परेशानियों से बचने के लिए सुझावों का पालन करो. पीठ ने समिति की रिपोर्ट स्वीकार करते हुए कहा कि अंतत: कोई भी समस्या हो बदलाव तो आना ही है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में आईपीएल के मुख्य आपरेटिंग अधिकारी सुन्दर रमण को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है. बीसीसीआई ने कहा था कि उसे ‘बाधा डालने वाले’ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और वह अपनी कानूनी समिति की बैठक के बाद ‘ठोस सुझावों के साथ वापस आएगी. हालांकि पीठ ने कहा कि पूरे सुधार के लिए सब कुछ साफ होना चाहिए.