वेस्टर्न कमांड के 55 एयरबेस पर हाई अलर्ट।

0
445

defence-ministry

डिफेंस मिनिस्ट्री ने वेस्टर्न कमांड के करीब 55 एयरबेस को हाई अलर्ट पर रखा है। इन एयरबेस में जबर्दस्ती एंट्री करने वाले किसी भी सस्पेक्ट को देखते ही गोली मारने के ऑर्डर दिए गए हैं। आर्मी और पैरा मिलिट्री फोर्स के साथ क्विक रिएक्शन टीम बनाने की प्रॉसेस भी शुरू कर दी गई है।

इंडियन एयरफोर्स ने सभी एयरबेस को हाई सिक्युरिटी सिस्टम के तहत लाने के लिए इक्विपमेंट्स मांगे हैं।इसके साथ ही किसी भी हालात से निपटने के लिए एयरबेस पर मौजूद टेक्नोलॉजी को भी अपडेट किए जाने के लिए मदद मांगी गई है।एयरफोर्स ने बताया है कि सभी एयरबेस पर सिक्युरिटी स्ट्रॉन्ग करने पर तकरीबन 6 से 8 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

गौरतलब है कि 2 जनवरी की सुबह 3:30 बजे पाकिस्तान से आए जैश-ए-मोहम्मद के छह टेरेरिस्ट ने पठानकोट एयरबेस पर अटैक कर दिया था।इस हमले में सिक्युरिटी फोर्स के 7 जवान शहीद हो गए थे।करीब 72 घंटे तक चले लंबे ऑपरेशन के बाद सभी 6 टेररिस्टों को भी मार गिराया गया था।एयरबेस में घुसे टेरेरिस्ट के निशाने पर एयरफोर्स के प्लेन और वेपन थे।
पठानकोट हमले में था किसी अंदरूनी शख्स का हाथ?

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को पठानकोट हमले में किसी अंदरूनी शख्स का हाथ होने के अहम सुराग भी मिले हैं।अब तक की जांच बता रही है कि एयरबेस की 10 फीट ऊंची बाउंड्री वॉल के ऊपर लगे तार अंदर से काटे गए थे। जहां तार काटे गए, वहां की लाइटें भी काम नहीं कर रही थीं।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तार अंदर से काटा गया हो या बाहर से, दोनों ही हालत में निशान भी अलग-अलग ही बनेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, एयरबेस पर तार के देखे जाने के बाद से यह शक पुख्ता हो रहा है कि ये काम टेररिस्ट का नहीं है, बल्कि अंदर के किसी आदमी ने ही किया है।शक है कि जिस भी शख्स ने इस काम को अंजाम दिया, उसे जगह की पूरी जानकारी थी। उसे पता था कि वहां अंधेरा होगा।एनआईए की जांच में यह भी पता चला है कि जहां से आतंकी एयरबेस में दाखिल हुए थे, उसके दूसरी तरफ ही फायरिंग रेंज थी।

यहीं पर एक ऊंची दीवार भी है। यह माना जा रहा है कि इसी दीवार का इस्तेमाल आतंकियों ने ढाल की तरह किया होगा, ताकि फायरिंग के दौरान गोलियां उन्हें न लगें।ये दीवार बाउंड्री वॉल के 4-5 फीट अंदर की तरफ है। ये जगह आतंकियों के छिपने के लिए सबसे सेफ रही होगी।
पाकिस्तान ने अब तक दर्ज नहीं की है FIR?हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर है।

भारत ने आतंकियों की उनके हैंडलर्स से बातचीत की कॉल डिटेल्स और उनसे मिले पाकिस्तान में बने सामानों के सबूत पड़ोसी देश को सौंपे हैं।पाकिस्तान ने भारत सरकार को पठानकोट अटैक के दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया था।भारत की तरफ से सबूत सौंपे जाने के बाद पाकिस्तान ने कहा कि पठानकोट मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनमें जैश प्रमुख मसूद अजहर भी शामिल है।