विजेंद्र ने कहा, ‘मैं यहां (लंदन में) ट्रेनिंग के लिए आया था, लेकिन प्रमोटर, ट्रेनर और यहां की सुविधाएं इतनी प्रभावशाली थीं कि मैंने फैसला किया कि यह पेशेवर मुक्केबाजी से जुड़ने का सही समय है।
भारत के मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अब भारत के लिए मुक्केबाजी नहीं करेंगे। दरअसल, कयास लगाए जा रहे थे कि विजेंद्र ने अब पेशेवर मुक्केबाजी (प्रोफेश्नल बॉक्सिंग) करने का फैसला लिया है और सोमवार को उनकी इस नई पारी पर मुहर भी लग गई जब ब्रिटिश स्थित प्रो-बॉक्सिंग के प्रमोटर फ्रैंक वॉरेन ने उन्हें अपने साथ शामिल कर लिया। नियमों के मुताबिक वो अब देश के लिए नहीं खेल सकेंगे।
पूरी तरह कमाई के मूड में आ गए हैं विजेंदर सिंह
विजेंदर सिंह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार भारत का नाम रोशन किया है लेकिन अब लगता है कि वो पूरी तरह कमाई के मूड में आ गए हैं। पेशेवर मुक्केबाजी इस खेल का वो प्रारूप है जो दुनिया के सबसे महंगे खेलों में शुमार है। हाल में अमेरिकी मुक्केबाज फ्लॉयड मेवेदर और फिलिपींस के मैनी पैक्वे के बीच हुई सदी की लड़ाई ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। उस मैच में जीतने वाले मेवेदर ने तकरीबन 1200 करोड़ रुपये और हारने वाले पैक्वे ने भी तकरीबन 800 करोड़ की कमाई की थी। किसी भी खेल में कुछ मिनटों में इतना कमाने का मौका नहीं मिलता, ऐसे में इस खेल की युवा प्रतिभा लगातार प्रोफेश्नल बॉक्सिंग की ओर खिंचती नजर आ रही है। विजेंद्र इस बात से वाकिफ हैं कि भारत में उनकी लोकप्रियता का आंकड़ा अच्छा खासा है, ऐसे में अगर वो प्रोफेश्नल बॉक्सिंग रिंग में उतरते हैं तो उनके पास कभी दर्शकों और समर्थकों की कमी नहीं रहेगी। ब्रिटिश पेशेवर मुक्केबाजी प्रमोटर फ्रैंक वॉरेन ने विजेंद्र की लोकप्रियता और प्रतिभा को पहचाना है और उन्हें इस ओर खींचा है।