पति जब भी मेरे पास आते हैं मुझे घुटन क्यों होती है

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आनंद जौहरी
आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषीय चिंतक

सवाल: आर्थिक समस्याओं और ऋण से मुक्ति कब मिलेगी? / जन्म तिथि- 29.02.1968, जन्म समय- 04.00 प्रात:, जन्म स्थान- राजलदेशर, चुरु (राजस्थान)- सुशील दूधेरिया
जवाब: सद्‌गुरु कहते हैं कि आपकी राशि कुंभ और लग्न धनु है। धन भाव का मालिक शनि अपने कट्टर शत्रु मंगल के साथ बृहस्पति के घर सुख भाव में विराजमान हैं, जो एक बेहतर स्थिति नहीं है। पर चिंता ना करें, सोच को सकारात्मक रखें। प्रत्येक शुक्रवार को हल्दी से रंगे सवा दो किलो आलू गाय को खिलाएं और किसी मंदिर में गाय का दो किलो घी दान दें, बरगद की जड़ों में नित्य मीठा दूध अर्पित करें और किसी कुएं में शनिवार को दूध डालें, लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं लाल किताब कहती है।

सवाल: मेरा जीवन अपार दुखों से भरा है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैय्या है। कोई समाधान बताइए। जन्म तिथि- 31.10.1984, समय- 13.05, स्थान- भगवानपुर, हरिद्वार- मनीष पराशर

जवाब: सद्‌गुरु कहते हैं कि आपकी राशि और लग्न दोनो कुंभ है। धन भाव का स्वामी शनि शत्रु सूर्य और मित्र बुध के साथ कर्म भाव में विराजमान है। इस समय आप राहु की महादशा भोग रहे हैं। धीरज और मधुर वाणी स्थिति को सुधारने में सहायक होगी। स्वाभाव की उग्रता, नाटकीयता और व्यर्थ संभाषण से बचें। मस्तिष्क को बार-बार नकारात्मक कमांड न दें। मिठाई खाने व उसके वितरण, गुरुओं व पीपल के पेड़ की सेवा, शनिवार को तेल के दान व नेत्रहीन लोगों को भोजन करने से लाभ होगा ऐसा लाल किताब के सूत्र कहते हैं। 01.07.2018 से आप बेहद सकारात्मक काल में प्रविष्ट होंगे।

सवाल: मेरे पति जब भी मेरे पास आते हैं मुझे घुटन होती है। मुझे ये नीच कर्म लगता है। इस बात पर घर में बहुत तमाशा हो चुका है। मेरा मन रोता रहता है। कोई उपाय बताएं। जन्मतिथि- 20.01.1989, जन्म समय 19.06, जन्म स्थान- मुंबई -रचना शाह

जवाब: आपकी राशि मिथुन और लग्न कर्क है। सद्‌गुरु कहते हैं कि आपके सप्तम भाव में सूर्य बैठकर जहां आपके दांपत्य जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं, वहीं साथ में उनके मित्र बुध बैठ कर यौनाकांक्षाओं को कम कर रहे हैं। साथ में चंद्रमा की व्यय भाव में उपस्थिति आपको मानसिक रूप से व्याकुल और बेहद संवेदनशील बना रही है। शायद इसी वजह से आपका मन दांपत्य संबंधों की गलत व्याख्या करके उसे निकृष्ट कर्म समझने की भूल कर रहा है। पूर्णिमा को श्वेत वस्तु, रविवार को गुड़ व गेहूं के दान तथा नित्य गाय को हरी घास खिलाने से लाभ होगा, ऐसा मैं नहीं लाल किताब कहती है। पति के मनोभाव को समझने, उनसे मीठे वचनों के प्रयोग से तथा खुलकर बात करने से संबंध सुधारने में सहायता मिलेगी।

ये भी जानें

हिंदी पंचांग के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि यौन संबंध, तेल मालिश और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। अन्यथा शुभ फलों में कमी होती है।

सफल जीवन और बड़ी सफलता के लिए सदैव वधु पक्ष को विनम्रता के साथ आभार और सम्मान देकर ही वधु को अपने घर ले जाना चाहिए। वधु पक्ष पर रोब झाड़ना, अहंकार का प्रदर्शन करना, उन्हें नीचा दिखाना, अपमानित करना अपने उज्ज्वल भविष्य, सफलता और समृद्धि के पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान है, ऐसा मान्यताएं और अनुभव कहते हैं।

हिंदी पंचांग के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि यौन संबंध, तेल मालिश और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। अन्यथा शुभ फलों में कमी होती है।

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टिप्स ऑफ द वीक

हिंदी पंचांग के अनुसार किसी भी माह की अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि यौन संबंध, तेल मालिश और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। अन्यथा शुभ फलों में कमी होती है।