सुब्रमण्यन अमेरिका में ही रहते हैं। उनको अक्टूबर 2014 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था। वो पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के फेलो हैं। वो चीन और भारत के एक्सपर्ट माने जाते हैं।
नई दिल्ली: भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने इस्तीफा दे दिया है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक के जरिए इसकी जानकारी दी। जेटली के मुताबिक वो अक्टूबर में अमेरिका लौट जाएंगे। जेटली के मुताबिक अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए अरविंद वापस अमेरिका लौट रहे हैं। उनका वापस जाने का कारण निजी है।
जेटली ने फसबूक पर लिखा है कि चाहे वित्त मंत्रालय हो या पीएमओ, सुब्रमण्यन हर जगह औपचारिक और अनऔपचारिक भूमिकाएं निभाते आए हैं। जेटली ने ये भी कहा कि सुब्रमण्यन ने ही जैम (जन-धन, आधार, मोबाइल) को साथ लाने का आइडिया दिया था, ताकि लोगों को मिलने वाली सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके।
सुब्रमण्यन अमेरिका में ही रहते हैं। उनको अक्टूबर 2014 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था। वो पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स के फेलो हैं। जब वो भारत आए थे तब वो ग्लोबल डेवलपमेंट में सीनियर फेलो भी थे। अरविंद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड के इकोनॉमिस्ट भी रह चुके हैं। वो चीन और भारत के एक्सपर्ट माने जाते हैं।
सुब्रमण्यन दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़े हैं। उन्होंने IIM अहमदाबाद से भी पढ़ाई की है। अरविंद ने एमफिल और डी फिल की डिग्री ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ली है। उनके 3 साल के कार्यकाल को सितंबर 2017 में 1 साल के लिए बढ़ाया गया था। इस साल अक्टूबर में वो देश छोड़कर चले जाएंगे। उन्होंने जनधन और जीएसटी को बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। सुब्रमण्यन ने सरकार को बैंकिंग सेक्टर में सुधार पर भी कई सुझाव दिए।