अगले माह छुट्टी पर आने वाले थे कर्नल मनप्रीत और मेजर आशीष…

0
377

कर्नल मनप्रीत की तीसरी पीढ़ी हैं जिसने सेना ज्वाइन कर देश सेवा की

चंडीगढ़: पानीपत के बिंझौल गांव के मेजर आशीष धौंचक के पिता लालचंद ने टीडीआई में अपना प्लाट लेकर मकान का निर्माण शुरू कराया था। मेजर आशीष के जन्मदिन पर 23 अक्तूबर को गृह प्रवेश करना था। वहीं कर्नल मनप्रीत के बेटे का अगले माह जन्मदिन है, जिस पर उन्हें छुट्टी आना था।

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धौंचक अगले माह अक्तूबर में छुट्टी पर आने वाले थे। दोनों के परिवार अपने लाडलों का इंतजार कर रहे थे लेकिन बुधवार की शाम आई शहादत की खबर ने सभी को सन्न कर दिया। 


बेटे के जन्मदिन पर लेनी थी छुट्टी
मोहाली के मुल्लांपुर के गांव भड़ौंजिया के कर्नल मनप्रीत सिंह 2003 में सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल बने थे। 2005 में उन्हें कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया था। वे अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जिसने सेना ज्वाइन कर देश सेवा की। कर्नल मनप्रीत सिंह वर्ष 2019 से 2021 तक सेना में सेकंड इन कमांड के तौर पर तैनात थे। बाद उन्होंने कमांडिंग अफसर के रूप में काम किया। उनके एक बेटा और एक बेटी है। परिवार के अनुसार, उनके बेटे का अगले माह जन्मदिन था। तब वे छुट्टी लेकर घर आने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही उनकी शहादत की खबर आ गई। 

नए घर के गृहप्रवेश में आने वाले थे मेजर
पानीपत के बिंझौल गांव के मेजर आशीष धौंचक के पिता लालचंद पानीपत सेक्टर 7 में किराए के मकान में रहते हैं। उन्होंने पिछले दिनों ही टीडीआई में अपना प्लाट लेकर मकान का निर्माण शुरू कराया था। मेजर आशीष के जन्मदिन पर 23 अक्तूबर को गृह प्रवेश करना था। तब मेजर आशीष को छुट्टी पर आना था। मेजर आशीष तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उन्हें चार-पांच साल की एक बेटी है। शहीद मेजर आशीष की ससुराल जींद में है। वे मार्च में अपने साले की शादी में छुट्टी पर आए थे। इस दौरान अपने घर पर भी आए थे। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here