कोरोना से यूपी का हाल बेहाल: लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर में डीएम की मदद को और IAS अफसर

0
759
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Noida Sector 39 में District Hospital Building का उदघाटन कराते हुए

उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर और कानपुर कोरोना वायरस के नए हॉटस्पॉट के तौर पर उभरे हैं। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने दोनों जिलों में विशेष सचिव स्तर के दो-दो अधिकारी और तैनात करने का फैसला लिया है। इनका काम इन जिलों के डीएम को सहयोग करना होगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ और कानपुर कोरोना वायरस के नए हॉटस्पॉट के तौर पर उभरे हैं। लखनऊ में तो हालात बेकाबू हो चुके हैं और जिले में इस वक्त 6300 से ज्यादा ऐक्टिव मरीज हैं। वहीं कानपुर में प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने दोनों जिलों में विशेष सचिव स्तर के दो-दो अधिकारी और तैनात करने का फैसला लिया है। वहीं, निजी चिकित्सालयों में भर्ती सांस के गंभीर रोगियों व अन्य संदिग्ध कोविड रोगियों की जांच के लिए मेडिकल मोबाइल यूनिट (एमएमयू) की व्यवस्था की गई है। 
कोरोना के प्रसार पर नियंत्रण के लिए अब निजी अस्पतालों की भी मॉनिटरिंग होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने आवास पर समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सभी प्रयास जारी रखे जाएं। कानपुर और लखनऊ में कोविड-19 के संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए दो-दो विशेष सचिव स्तर के अधिकारी भेजे जा रहे हैं। इनका काम इन जिलों के डीएम को सहयोग करना होगा। इसके अलावा वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर और बहराइच में भी जिलाधिकारी को सहयोग करने के लिए विशेष सचिव स्तर का एक-एक अधिकारी तैनात किया जा रहा है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में कोविड-19 को देखते हुए एल-2 और एल-3 कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि इन अस्पतालों में आई.सी.यू. बेड के भी इंतजाम किए जाएं। साथ ही जिन निजी मेडिकल कॉलेजों में कोविड हॉस्पिटल बनाए गए हैं, वहां की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग एक कंट्रोलर अधिकारी तैनात करे।
निजी चिकित्सालयों में भर्ती सांस के गंभीर रोगियों व अन्य संदिग्ध कोविड रोगियों की जांच के लिए मेडिकल मोबाइल यूनिट (एमएमयू) की व्यवस्था की गई है। यह मेडिकल मोबाइल यूनिट निजी अस्पतालों से एंटीजन रियल टाइम पीसीआर जांच के लिए नमूने इकठ्ठा कर रही है। इसके लिए पहले से ही अस्पतालों को सूचना दी जाती है जिससे वह रोगियों को नमूना देने के लिए चिह्नित कर लें।
प्रदेश में कोविड-19 जांच बढ़ाने के लिए सभी जिलों में स्टैटिक बूथ बनाए गए हैं। सीएचसी, अर्बन पीएचसी से लेकर स्कूल-कॉलेज तक में जांच की व्यवस्था की गई है। इसी के साथ ही निजी अस्पतालों में भर्ती सांस के रोगियों जिनमें गंभीर लक्षण दिखें, उनकी जांच की व्यवस्था भी स्वास्थ्य विभाग ने की है। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here