फैक्टरी व वाहन कल-पुर्जे के प्रोडक्शन में चीन से बहुत आगे जाएगा भारत: प्रशांत अग्रवाल

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प्रशांत अग्रवाल और सिंपी अग्रवाल

Perfect Metal Structure कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत अग्रवाल से खबर-इंडिया के संपादक राय तपन भारती की बातचीत (2री किश्त)

डायरेक्टर प्रशांत अग्रवाल की Perfect Metal Structure कंपनी इस तरह से बड़ी-बड़ी फैकटरी का शेड बनाती है

कोरोना वायरस संकट से उत्पन्न चीन-अमेरिका तनाव के कारण सैकड़ों मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां चीन छोड़कर अपने लिए नए ठिकाने की तलाश कर रही हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक करीब 1,000 कंपनियां भारत में अपनी यूनिटें लगाने के लिए मोदी सरकार से संपर्क में हैं। यह सच है कि भारत इस मौके को जाने नहीं देना चाहेगा। पूरी दुनिया के मैनुफैक्चरिंग सेक्टर पर नजर रख रहे Perfect Metal Structure कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत अग्रवाल कहते हैं, 

मोदी सरकार ईमानदारी और शिद्दत से भारतीय उद्योग को बढ़ावा देना चाहती है, उनका वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय उस सेक्टर की पहचान करने में जुटा है, ताकि भारत को मैन्युफैक्चरिंग का अंतरराष्ट्रीय हब बनाया जा सके। जिन क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने और देश को विनिर्माण का गढ़ बनाने की क्षमता है, उनकी पहचान करने के लिये उद्योग मंडलों सहित विभिन्न संबंधित पक्षों के साथ कई बैठकें भी सरकार की हो चुकी है। प्रशांत अग्रवाल जैसे उद्यमी राय देते हैं, ’12 ऐसे अग्रणी क्षेत्र हैं, जिन पर भारत में विशेष ध्यान दिया जा सकता है। इनमें मॉड्यूलर फर्नीचर, खिलौने, खाद्य प्रसंस्करण (जैसे रेडी टू ईट फूड), कृषि-रसायन, वस्त्र, एयर कंडीशनर, पूंजीगत सामान, दवा, फैक्टरी और वाहन कल-पुर्जा आदि शामिल हैं।’

khabar-india.com: ऐसा लग रहा है कि Covid-19 महामारी के बाद चीन ग्लोबल इकोनॉमी में दुनिया के सबसे बड़े मैन्युफैक्चरिंग हब की अपनी हैसियत खो देगा? इस हालात में भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज को कितना लाभ होगा? इस पर आपकी राय? 

Prashant Aggrwal: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बेल्ट एंड रोड एनिशिएटिव प्रॉजेक्ट ( BRI ) को दुनिया के बड़े हिस्से में वर्चस्व के रूप में देखा जा रहा था लेकिन कोरोना वायरस ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को जमीन पर ला दिया। इस खर्चीले प्रॉजेक्ट के मंद पड़ने से चीन के अरबों डॉलर डूबने का जोखिम पैदा हो गया है। कोरोना संक्रमण से चीन की अर्थव्यवस्था अब पस्‍त नजर आ रही है। इस बात की पुष्टि चीन के मैन्‍युफैक्‍चरिंग आंकड़े भी कर रहे हैं। दरअसल, फरवरी में चीन में मैन्‍युफैक्‍चरिंग गतिविधियां रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गईं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक चीन का खरीद प्रबंध सूचकांक (पीएमआई) फरवरी में गिरकर 35.7 पर आ गया। इस सूचकांक का 50 से नीचे रहना यह बताता है कि कारखाना उत्पादन घट रहा है। इसकी खास वजह यह है कि श्रम की बढ़ती लागत, कर्मचारियों की कमी, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ कारोबारी जंग, साउथ ईस्ट एशिया में भारत समेत नए मैन्युफैक्चरिंग हब सामने आना आदि।

khabar-india.com: चीन की तुलना में भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आगे कैसे जा सकता है? 

Prashant Aggrwal: मल्टीनेशनल कंपनियां अपनी सप्लाई चेन का रिस्क घटाने के लिए भी चीन के बजाय भारत जैसे ठिकानों की ओर रूख कर सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में मेक इन इंडिया को लॉन्च करते वक्त ग्लोबल कंपनियों से कहा था, ‘आइए, भारत में सामान बनाइए। आप इसे कहीं भी बेचिए लेकिन बनाइए हमारे यहां।’ अगर उनका यह ख्वाब पूरा होता है तो देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और ग्रोथ को तो पंख लगेंगे ही, इससे जॉबलेस ग्रोथ की शिकायत भी दूर हो सकती है।

यूपी में उद्योगों के लिए लागू श्रम नीति को पूरी दक्षता के साथ अन्य राज्यों में भी व्यापक रूप से लागू करना चाहिए: प्रशांत अग्रवाल

khabar-india.com: प्र्शांतजी, आज इंटरव्यू की दूसरी कड़ी में आपसे हम जानना चाहते हैं कि मौजूदा हालात में उत्तर प्रदेश में उद्योग-कारोबार को बढ़ावा देने के के लिए किन बातों को तरजीह देना चाहिए? 

Prashant Aggrwal: उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए लागू मौजूदा श्रम नीति को पूरी दक्षता और प्रभावी तरीके से भारत के अन्य राज्यों में भी इसे व्यापक रूप से लागू करना चाहिए। फिलहाल सरकार की पहली प्राथमिकता हाउसिंग के बजाय उद्योग-धंधा होना चाहिए। मतलब कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हाउसिंग के बजाय सस्ती दरों पर मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों को लोन उपलब्ध कराये इससे इंडस्ट्रीज की तरक्की होने के साथ ही देश में रोजगार भी बढेंगे। इस सेक्टर में फंडिंग बढ़ने से छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयां भी तरक्की करेंगी। चालू वित्त वर्ष के लिए आयकर स्लैब दर उद्योगों के सालाना टर्नओवर के अनुसार ही होनी चाहिए। उद्योगों पर बढ़ते भार को घटाने के लिए बिजली उपकरणों का व्यय शून्य होना चाहिए। इस तरह से एंटरप्रेन्योर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए श्रम के रूप में फंड का निवेश करना चाहेंगे।

khabar-india.com: आपकी नजर में कोरोना संकट में भारत की उद्योग नीति सही दिशा में जा रही है? 

Prashant Aggrwal: आज के कोरोना संकट में माँ, इंडस्ट्रीज और किसान जीवन को ईमानदारी से सरंक्षण दे रहे थे। यह गौरतलब है कि मौजूदा लौकडाउन में माँ ने, इंडस्ट्री ने और किसान ने आपको घर बैठे खाना खिलाया। तो इस कठिन घड़ी में हमारे हिंदुस्तान के इन तीनों लोगों ने हमें सहयोग दिया और आने वाले समय में इंडस्ट्रीज से हमें जो बेनिफिट मिलेगा उससे हमारी इकोनॉमी को जबरदस्त फायदा मिलेगा। कोरोना वायरस फैलाने को लेकर चीन के प्रति गुस्सा हमारा ठंडा नही होना चाहिए बल्कि यूं ही बने रहना चाहिए।

khabar-india.com: हमने देश के उद्योग जगत को टटोला तो देखा कि लोगों में चीन के प्रति जबरदस्त गुस्सा है पर ये गुस्सा अभी कायम रहना चाहिए। पर यह बताइए कि आपको लौकडॉउन में नये काम के आर्डर मिले? 

हास-परिहास भी: Perfect Metal Structure कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत अग्रवाल BNI के कारोबारी सदस्यों के साथ

Prashant Aggrwal: जी, लौकडॉउन में मैं और मेरी टीम कभी भी निराश नहीं हुई। आगे मैंने और लोगों से बात की। इस पीरियड का मैं एक उदाहरण बतलाता हूँ। असम की राजधानी गुवाहाटी में हमारे एक कस्टमर एक फ़ैक्टरी शेड बनवाना चाहते थे। अन्य  राज्यों की तरह वहां भी लौकडॉउन था। चूंकि वहां कोरोना के केश ज्यादा नही थे तो लोग एग्रेसिव भी उतने नही थे। तो उन्होंने उसी लौकडॉउन में फ़ैक्टरी के लिए एक लैंड खरीदी। उन्होंने इस फ़ैक्टरी का शेड बनाने का ऑर्डर हमारे साथ फाइनल कर दिया। हमारे डिजाइनर ने घर बैठे गुवाहाटी की इस इंडस्ट्री का डिजाइन तैयार किया। इस फ़ैक्टरी का काम आज भी जारी है। टाइम मिलने पर उनके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी हम करते हैं ताकि फैक्टरी शेड का काम निरंतर चलता रहे 

khabar-india.com: गुवाहाटी में आपकी कंपनी जिस फैक्ट्री का शेड बना रही है, वहां वे लोग क्या प्रोडक्शन करेंगे?

Prashant Aggrwal: सर, वे लोग फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा जा रहे है। अभी तो काम स्टार्ट ही हुआ है। पर हम खुश हैं कि इस लौकडॉउन में भी काम जारी है यह खास बात है। वे लोग अपनी फूड प्रोसेसिंग यूनिट में इंडियन मशीनरी और इंडियन प्रोडक्ट्स को ही प्रधानता देंगे यह तय है।

khabar-india.com: तो फूड प्रोसेसिंग यूनिट में देशी पार्ट्स और देशी वस्तुओं का इस्तेमाल होगा। इसके अलावा और आप किस इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देंगे ? चाइनीज की जगह हमें इंडियन प्रोडक्ट लाना चाहिए। और भी कुछ सेक्टर के नाम बतलाइये?

Prashant Aggrwal: 12 ऐसे अग्रणी क्षेत्र हैं, जिन पर भारत में ध्यान दिया जा सकता है। इनमें मॉड्यूलर फर्नीचर, खिलौने, खाद्य प्रसंस्करण (जैसे रेडी टू ईट फूड), कृषि-रसायन, वस्त्र, एयर कंडीशनर, पूंजीगत सामान, दवा, फैक्टरी और वाहन कल-पुर्जा आदि शामिल हैं।

(इंटरव्यू की तीसरी किश्त कल पढिए )

Business Relation: You may contact for Busineess relation with PRASHANT AGGARWAL, Director, Perfect Metal Structure on his Email Id prashant@pmimpex.in and and his mob no. 8130344399 

(आपको यह इंटरव्यू कैसा लगा अपना कमेंट जरूर लिखिए। Perfect Metal Structure कंपनी के डायरेक्टर प्रशांत अग्रवाल से खबर-इंडिया के संपादक की बातचीत जरूर पढिए अगली किश्त में) 

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