भारत इस ट्रेड वार का फायदा लेकर अमेरिकी कंपनियों को चीन से निकालकर भारत लाने के लिए मनाने की भरपूर कोशिश कर रहा है। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने अप्रैल में 1,000 से अधिक अमेरिकी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों से संपर्क किया जिनकी इकाई चीन में है।
Amit Ranjan/ नई दिल्ली
कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्व में कोरोना वायरस महामारी के चलते संक्रमित हुए लोगों की संख्या 35 लाख के पार पहुंच गई है, जबकि कोविड-19 संक्रमण के कारण अब तक पौने तीन लाख से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। अमेरिका में कोरोना वायरस की महामारी ने मौत का तांडव मचाया हुआ है। अबतक यहां 75 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है, जबकि 12 लाख से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं।
अब अमेरिका इस जानलेवा वायरस को पूरे दुनियाभर में फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहा है। जिससे दोनो देशों के बीच के व्यापारिक और कूटनीतिक संबंध बिगड़ने के आसार नजर आ रहे हैं और इसका फायदा भारत को मिलता नजर आ रहा है। अमेरिका दुनिया के अन्य देशओं को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि कोरोना की उत्पत्ति चीन (China) के वुहान (Wuhan) से हुई है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) ने कहा कि अमेरिका अन्य देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है कि ताकि यह समझाया जा सके कि कोरोनावायरस (Covid-19) की उत्पत्ति चीन के वुहान से हुई है।

ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि चीन ठीक तरह से इस वायस से नहीं निपटा, जिससे कि पूरे दुनियाभर में लगभग पौने तीन लाख लोगों की मौतें हो गईं हैं। अमेरिका ने आरोप लगाया कि इस वायरस की वजह से वैश्विक व्यापार पर और बुरा असर पड़ने की आशंका है। इस बीच कंपनियों और सरकारों ने आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार करने के लिए अपने संसाधनों को चीन से बाहर दूसरे देशों में भी फैलाना शुरू कर दिया है। जापान ने कंपनियों को चीन से बाहर निकलने में मदद करने के लिए 2.2 अरब डॉलर की राशि निश्चित की है। यूरोपीय संघ के सदस्य भी चीन की आपूर्तिकर्ताओं पर अपनी निर्भरता कम करने की योजना पर काम कर रहे हैं।
मोदी सरकार यदि इन कंपनियों को भारत लाने में सफल हो जाती है तो इससे लंबे समय से लगे लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के योगदान को वर्तमान 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी तक ले जाने में भी मदद मिलेगी। बता दें कि कोविड-19 महामारी के कारण देश में लगभग साढ़े 12 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हो चुके हैं। इसलिए अगर कंपनियां भारत आती है तो देश में रोजगार बढ़ेगा।
