कोरोना ने सभी सरकारों के विकास की पोल खोल दी

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आश्चर्य है कि किसी ने भी स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी की 2% भी खर्च नहीं किया। देश की जनता आज भी अंग्रेजी हुकूमत के बनाये गए अस्पतालों पर ही निर्भर है।

लेखक: SN Sharma/, Retd. Branch manager in The New India Assurance Company Limited, पटना

एक कोरोना वायरस ने देश में 1947 से लेकर 2020 तक के सभी सरकारो के विकास की पोल खोल दी। आबादी 4.5 गुना बढी यानी 30 करोड़ से सीधे 135 करोड़ मतलब 450 %। अब आप समझ सकते हैं कि हमारे देश में आबादी किस कदर बढी? सत्तर साल से अधिक स्वतंत्र भारत की सरकारें रही। आपको आश्चर्य होगा कि किसी ने भी स्वास्थ्य सेवाओं पर जीडीपी की 2% भी खर्च नहीं किया। देश की जनता आज भी अंग्रेजी हुकूमत के बनाये गए अस्पतालों पर ही निर्भर है। भगवान भरोसे ही यहाँ की जनता जीवित है।

बताइये, जहाँ अमेरिका जैसा देश 17 से 18 प्रतिशत अपने जीडीपी का स्वाथ्य सेवाओ पर खर्च करता है। वहीं यहाँ की सरकारे बयानबाजी और घोटालों में पारंगत हासिल करने में ही विकास समझती हैं । कोरोना ने सबकी आँखे खोल दिया है।

यहां केवल हथियार नहीं जीवन के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में Infrastructure को मजबूत करने की जरूरत है। जो आज भी विश्व में हमलोग अपने आप को कहीं खडा नहीं पाते हैं। आधुनिक भारत में उम्मीद है कि अब तो ध्यान दीजिये सर।

एक बात और कहना चाहता हूँ कि कोरोना-काल ने भोजन में छोड़े गए जूठन का महत्व समझाया। आपके छोड़े हुए जूठे अन्न कभी बर्बाद नहीं होते हैं उसपर 80 लाख योनि टक लगाकर आपके फेकने का इन्तजार करते हैं।

जी हाँ, यदि विश्वास नहीं है तो लावारिश कुत्ते और गलियों में भटकते अन्य पशु – पक्षियों के देखें उनकी बोली और चहचाहट बिलकुल बदल गयी है। पेड़ पौधे भी आपके छोड़े हुए भोज्य पदार्थो के सडने का इन्तजार करते हैं । जलचर यानी पानी में रहने वाले जीव भी सडे हुए भोजन के इन्तजार में ही रहते हैं।

वैसे में निरैठ नहीं जूठन ही अवश्य छोड़े और प्रकृति के इन बहुमूल्य उपहार अपने सहयोगियों के लिए अवश्य थोड़ा जूठन फेके। इस पृथ्वी पर 84 लाख योनि जिसमें, जलचर 9 लाख, स्थावर 20 लाख, कीडे – मकोड़े 11 लाख, पक्षी 10 लाख, पशु 30 लाख, मानव – यक्ष 4 लाख कुल मिलाकर 84। आपका जन्म यदि मनुष्य योनि में हुआ है तो अपना महत्व समझे। वे आपसे मांगेगे नहीं परन्तु आपका इन्तजार अवश्य करेंगे। जरायुज, अंडज, स्वदेज और उदिभज सभी प्राणी आपके परिवार के सदस्य हैं इनका भी ख्याल रखना हम सबका परम धर्म है।

 

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