बजटः किसानों और मीडियम क्लास की होगी बल्ले-बल्ले!

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आम चुनाव से पहले पेश होने वाले बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। किसानों के लिये राहत पैकेज, छोटे उद्यमियों को समर्थन और कुछ अन्य लोक लुभावन घोषणायें वित्त मंत्री के बजट का हिस्सा हो सकतीं हैं।

नई दिल्लीः देश का बजट कल यानी 1 फरवरी को पेश होने जा रहा है। अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल 1 फरवरी की सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करेंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को सरकार के 4.5 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और वित्त मंत्री शुुुुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे। लोकसभा चुनाव आने में करीब 2 महीने से ज्यादा का वक्त बचा है और इस लिहाज से मोदी सरकार के लिए ये बजट काफी अहम होने जा रहा है।
अंतरिम बजट में अगले वित्त वर्ष के चार महीने के खर्च के लिये संसद की मंजूरी ली जायेगी। पूर्ण बजट आम चुनाव के बाद बनने वाली नई सरकार जुलाई में पेश करेगी। यह बजट केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के मौजूदा कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट होगा। हालांकि, यह अंतरिम बजट होगा लेकिन उद्योग सूत्रों और विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री गोयल इससे आगे बढ़कर कुछ नई घोषणायें कर सकते हैं।
आम चुनाव से पहले शुक्रवार को पेश किये जाने वाले बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा किसानों के लिये राहत पैकेज, छोटे उद्यमियों को समर्थन और कुछ अन्य लोक लुभावन घोषणायें वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट का हिस्सा हो सकतीं हैं।
 
विशेषज्ञों का कहना है कि बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले सीनियर सिटीजन के लिये इसे 3.5 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। महिलाओं की भी साढे तीन लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त किया जा सकता है।
 
विभिन्न निवेशों पर धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जा सकता है जबकि होम लोन पर मिलने वाली सालाना इंटरेस्ट की छूट को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की घोषणा हो सकती है।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मतदाताओं को रिझाने के लिये पहले ही कह चुके हैं कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जायेगा और गरीबों को न्यूनतम आय सीधे ट्रांसफर की जायेगी। ऐसे में पीयष गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये डायरेक्ट कैश ट्रांसफर जैसी किसी स्कीम का एलान कर सकते हैं। किसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है।
कृषि क्षेत्र के राहत पैकेज में संभावित विकल्पों के तौर पर तेलंगाना राज्य की तर्ज पर किसानों को सीधे कैश के ट्रांसफर का एलान किया जा सकता है। उन किसानों के लिये जो समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं इंटरेस्ट फ्री फसल लोन देने की सुविधा दी जा सकती है। खाद्यान्न फसलों के बीमा पर प्रीमियम को खत्म किया जा सकता है।
सरकार ने पिछले साल के बजट में सालाना 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिये कार्पोरेट टैक्स की दर को 30 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी कर दिया था। इस कदम से टैक्स रिटर्न भरने वाली 99 फीसदी कंपनियों के लिये टैक्स की दर कम हो गई। सरकार इस टैक्स की दर में और कमी कर सकती है और उद्योगों को थोड़ी और राहत दे सकती है।
 
उद्योग और जानकार सूत्रों का कहना है कि सरकार द्वारा रोजगार यानी जॉब क्रिेएशन के लिये भी ठोस उपायों का एलान किया जा सकता है क्योंकि सरकार पर रोजगारविहीन जीडीपी विकास दर हासिल करने का आरोप लगाया जाता रहा है।
 
रेल बजट में इस बार हाई स्पीड ट्रेनों और सेमी हाई स्पीड ट्रेनों को लेकर कुछ एलान किए जा सकते हैं. इसके अलावा मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर भी कुछ एलान किए जा सकते हैं। पिछली बार बजट में गाड़ियों की एवरेज स्पीड को बढ़ाने को लेकर जो एलान हुए थे इस दिशा में पूरे साल क्या काम हुआ है इसको लेकर भी विवरण दिया जा सकता है।
 
सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट सरकार के लिये उसकी मध्यकालिक कार्ययोजना पेश करने का एक बेहतर मौका है जिसमें वह कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिये उपायों की घोषणा कर सकती है। इसमें सर्वजन न्यूनतम आय योजना की घोषणा भी की जा सकती है। साल 2016- 17 के आर्थिक सर्वेक्षण में इसकी अवधारणा रखी गई थी।

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