इंग्लैंड की टीम ने क्यों नहीं चखा रूसी ब्रेड का स्वाद

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अंग्रेज खिलाड़ियों को आगाह किया गया है कि उनका खेल कौशल बिगाड़ने के लिए उन्हें भोजन में जहर दिया जा सकता है। इस खतरे को देखते हुए ब्रिटिश खिलाड़ी अपने साथ अपना रसोईया लेकर आये हैं। 

उदयचंद्र सिंह/ टीवी पत्रकार

उदयचंद्र सिंह/ टीवी पत्रकार

इंग्लैंड की टीम रूस में कोई जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। इंग्लैंड को डर है कि रूस में उनके खिलाड़ियों खाने में जहर दिया जा सकता है। इसी डर का नतीजा रहा कि इंग्लैंड के कोच गैरेथ साउथगेट और टीम के युवा कप्तान हैरी केन ने पारंपिक स्वागत समारोह में उस विशाल ब्रेड को चखने से मना कर दिया, जो उन्हें भेंटस्वरुप प्रदान किया गया था।

फीफा वर्ल्ड कप के लिए रूस पहुंचनेवाली सभी टीमों का स्वागत पारंपरिक अंदाज में किया जा रहा है। इसी कड़ी में जब इंग्लैंड की टीम रुस पहुंची तो उनके स्वागत के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया। इस सामरोह में मॉस्को शहर प्रशासन की तरफ से टीम के कोच गैरेथ साउथगेट और कप्तान हैरी केन को नक्काशीयुक्त चाय की एक सुंदर केतली और रुस का पारंपरिक व्यंजन करावई पेश किया गया। करावई एक बड़ा गोल ब्रेड होता है। रूस में मेहमानों को यह विशेष रुप से परोसा जाता है। लेकिन अंग्रेजों ने उस ब्रेड को चखने से भी मना कर दिया।

इससे पहले  पुर्तगाली टीम का स्वागत भी इसी तरह से किया गया था और पुर्तगाली खिलाड़ियों ने पारंपरिक व्यंजन का पूरा आनंद लिया था।

दरअसल, अंग्रेज खिलाड़ियों को चेतावनी दी गई है कि उनका खेल कौशल बिगाड़ने के लिए रूस में उन्हें भोजन में जहर दिया जा सकता है। इस खतरे को देखते हुए ब्रिटिश खिलाड़ी अपने साथ न सिर्फ अपना रसोईया लेकर आये हैं बल्कि खाने-पीने का पूरा सामान एक विशेष विमान में लादकर पहुंचे हैं। अंग्रेज खिलाडियों को खाना परोसने से पहले उसे टेस्ट किया जाता है।

इंग्लैंड का पहला मैच ट्यूनिशिया के साथ सोमवार को है।

(विश्व कप के फाइनल तक वरिष्ठ टीवी पत्रकार उदय चंद्र सिंह khabar-india.com के पाठकों को रोज वर्ल्ड कप से जुड़ी कुछ रोचक खबरें परोसेंगे। श्री सिंह इस समय APN News में बतौर संपादक (आउटपुट) अपनी सेवाएं दे रहे हैं।)

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