NH-24 और एक्‍सप्रेसवे का उद्घाटन रविवार को

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135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से 50% तक प्रदूषण घटेगा दिल्ली का

नई दिल्ली। देश के पहले छह लेन का अत्याधुनिक एक्सप्रेस-वे 29 अप्रैल से लोगों के लिए शुरू हो जाएगा। 135 किमी लम्बा एक्सप्रेस-वे शुरू होने से दिल्ली पर पडऩे वाला भारी वाहनों का दबाव कम हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे पर यातायात नियंत्रण लंदन जैसा व्यवस्थित होगा। इसके साथ ही 14 लेन के बन रहे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का काम पूरा हो गया है, इसे भी शुरू किया जा रहा है। इन दोनों एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
6 लेन वाला 135 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे हरियाणा के कुंडली से शुरू होकर गाजियाबाद और नोएडा होते हुए पलवल से मिलेगा। इसके बनने से कुंडली से पलवल के बीच जाने-आने वालों को दिल्ली में एंट्री करने की जरूरत नहीं होगी। यही नहीं ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के चालू होने पर कोलकाता से सीधे जालंधर,अमृतसर और जम्मू जाने-आने वाले वाहनों, खासकर ट्रकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस वे है जिसमें बगीचे बने हैं और वाहनों की स्पीड लिमिट 120 किमी प्रतिघंटा तय की गई है। यानि कि इस स्पीड से अगर आप चले तो 135 किमी की दूरी 70 मिनट में तय की जा सकती है। सरकार का मानना है कि इस एक्सप्रेस वे के चालू होने से 50 फीसदी तक दिल्ली का प्रदूषण और ट्रेफिक जाम की समस्या कम हो जाएगी।
केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसे चुनौती के रूप में लिया और जो समय निर्धारित किया गया था, उससे पहले काम को पूरा कराकर नया रिकार्ड बनाया है। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए 910 दिनों लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसे 500 दिनों के रिकार्ड समय में पूरा किया गया है। हालांकि इन दोनों एक्सप्रेस-वे के निर्माण में कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। ईस्टर्न पैरिफेरल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे काम लम्बें समय तक इसलिए शुरू नहीं हो पाया, क्योंकि ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से अडंगा लगा दिया गया था। किसी तरह वह मामला सुलझा तब जाकर काम प्रारंभ हो सका।
 
ईस्टर्न पैरिफेरल एक्सप्रेस-वे कुंडली (एनएच-1) से शुरू होकर यमुना नदी को पार करते हुए मवीकलां (एसएच-57) होते हुए दुहाई (एनएच-58) होकर डासना (एनएच-24) से बील अकबरपुर (एनएच-91) को जोड़ते हुए कासना-सिकंदरा रोड (सिरसा) से गांव फैजपुर खादर (हरियाणा) में यमुना पार कर अटाली-चासना रोड से होते हुए पलवल (एनएच-02) में जुड़ेगा। इस एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उप्र, उत्तराखंड से आने-जाने वाले वाहनों को अब दिल्ली शहर के अंदर से नहीं जाना पड़ेगा।

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