यह बात दीगर है कि देश के इस एेतिहासिक क्षण पर सरकार की आेर से संसद के केंद्रीय भवन में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में कांग्रेस आैर तृणमूल कांग्रेस के लोग शिरकत नहीं करेंगे।

यह बात दीगर है कि देश के इस एेतिहासिक क्षण पर सरकार की आेर से संसद के केंद्रीय भवन में आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में कांग्रेस आैर तृणमूल कांग्रेस के लोग शिरकत नहीं करेंगे। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस इसे 14 अगस्त, 1947 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आेर से की नियति से किये गये वादे यानी आजादी की घोषणा को धुमिल करने वाला कार्यक्रम मान रही है।
हालांकि, उसके इस रुख से पहले ही सरकार ने यह साफ कर दिया है कि जीएसटी किसी एक दल या फिर सरकार के एकतरफा फैसले के बाद लागू नहीं किया जा रहा है, बल्कि देश के जीवित तमाम पूर्व प्रधानमंत्रियों आैर सभी दलों के लोगों की सहमति के बाद लागू किया जा रहा है। इसलिए इसे लेकर किसी का विरोध करना बेमानी ही साबित होगा। खैर, फिलहाल स्थिति यह है कि जीएसटी की घोषणा करने के लिए संसद के केंद्रीय हाॅल में आयोजित होने वाले भव्य कार्यक्रम में सितारों की महफिल सजायी जायेगी। इस महफिल में बाॅलीवुड के सितारों के अलावा उद्योग जगत के नामी-गिरामी हस्ती आैर राजनेता मौजूद रहेंगे। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि भारत के राजनीतिक दलों में कुछ दलों के लीडर इसके विरोध में बायकाॅट करेंगे, तो कुछ इस एेतिहासिक पल में शिरकत करने के मूड में दिखायी दे रहे हैं।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, शुक्रवार यानी 30 जून को संसद में जीएसटी लागू होने की घोषणा होने के समय बाॅलीवुड के अभिनेता आैर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, गायिका लता मंगेशकर, उद्योगपति रतन टाटा, कानूनविद् सोली सोराबजी, केके वेणुगोपाल और हरिश साल्वे जैसी हस्तियां मौजूद रह सकती हैं. नरेंद्र मोदी सरकार ने 80 मिनट के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश की करीब 100 चर्चित शख्सियतों को न्योता दिया है।
