ये लो, जब्त पुराने नोट वापस कर रही सरकार

0
660

सरकार ने नोटबंदी के दौरान जब्त किए गए पुराने नोटों को उनके मालिकों को लौटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 12 मई को एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि जिनके भी पुराने नोट 30 दिसंबर से पहले कानूनी एजेंसियों ने जब्त किया है, वे जब्ती व कोर्ट के आदेश की प्रति ले जाकर उन्हें वापस हासिल कर सकते हैं।
अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार/नई दिल्ली
खबर मिल रही है कि केंद्र सरकार ने 12 मई 2017 को एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि 30 दिसंबर 2016 से पहले जब्त किए गए पुराने नोटों को संबंधित पार्टी द्वारा अदालत के आदेश की प्रति या जब्ती मेमो दिखाकर आरबीआई में जमा या बदला जा सकता है। इसका मतलब ये हुआ कि जिन लोगों ने काले धन को लेकर खेल किया अब सरकार उनकी राशि लौटाने को तैयार है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नोटबंदी की कहानी क्यों रची गयी ? कही ऐसा तो नहीं कि सरकार का यह पूरा खेल महज एक राजनीतिक हथकंडा भर था। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे अचानक कालाधन और भ्रष्टाचार की बात कहकर देश से 500 और 1,000 के नोटबंदी की घोषणा कर दी थी। लेकिन अब जबकि नोटबंदी को कई महीने बीत चुके हैं तो यह साबित हो चुका है कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। न तो इससे कालाधन और न ही भ्रष्टाचार पर कोई लगाम लगी है, बल्कि यह सरकार की तरफ से शुद्ध राजनीतिक हथकंडे के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। देश का आर्थिक विकास दर भी तेजी से घटा है।

नोटबंदी का सच : नोटबंदी के दौरान माना गया था कि सरकार कालेधन पर चोट करने की बात कहकर बहुत सारा पैसा कालाधन बताकर जमा करवाया था। छापेमारी में भी बहुत बड़ी रकम कई जगह से बरामद हुई थी। इसे भाजपा ने बड़ी उपलब्धि के तौर पर भुनाया भी। लेकिन अब सरकार ने नोटबंदी के दौरान जब्त किए गए पुराने नोटों को उनके मालिकों को लौटाने का सिलसिला शुरू कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 12 मई को बाकायदा एक अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि जिनके भी पुराने नोट 30 दिसंबर से पहले कानूनी एजेंसियों (सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय वगैरह) ने जब्त किया है, वे जब्ती व कोर्ट के आदेश की प्रति ले जाकर उन्हें वापस हासिल कर सकते हैं और रिजर्व बैंक या उसकी तरफ से निर्धारित राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा कराके उतनी ही मात्रा में नए नोट हासिल कर सकते हैं।

एक अंगेजी अखबार के हवाले से सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि जिन पुराने नोटों को विभिन्न एजेंसियों के मालखाना में रखा गया था। विमु्द्रीकरण के बाद कुछ केसों में अदालत के आदेश के बावजूद पुरानी मुद्रा में नोट मिला है। सूत्रों ने बताया कि यह इसलिए क्योंकि एजेंसियों ने 31 मार्च 2017 के पहले पुराने नोटों को नए नोटों से बदला नहीं था। यानी सरकार ने जिन लोगों का करोड़ों का कालाधन पकड़ने का हो-हल्ला मचाया था, उन्हें अब बाइज्जत उनका धन लौटाया जा रहा है और वित्त मंत्री अरुण जेटली के निर्देश पर जारी अधिसूचना के माध्यम से। जाहिर है कि यह काम पीएम मोदी की जानकारी के बगैर नहीं हो सकता। यानि सरकार की तरफ से यह माना जा चुका है कि नोटबंदी से देश का कालाधन वापस नहीं आया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here