एमपी में किसानों की मौत से पाटीदारों में उबाल

0
413

कुछ संगठनों को तोड़कर शिवराज सरकार ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी थी। लेकिन हकीकत में किसानों की मांग सुनी ही नहीं गईं थी। मंगलवार को अपनी फसल का उचित मूल्य मांग रहे किसानों पर शिवराज सरकार ने गोलियां चलवा दीं जिससे 6 किसानों की मौत हो गई, दर्जनों किसानो के घायल होने की खबर है।

अखिलेश अखिल, वरिष्ठ पत्रकार/नई दिल्ली

मध्यप्रदेश में जारी किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से 5 किसानो की हुई मौत से राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। जिस तरह से अपनी मांग के लिए सरकार के सामने आन्दोलनरत किसानों पर फायरिंग की गयी है उससे ना सिर्फ मध्यप्रदेश के किसानों और आम जनता में व्यापक आक्रोश है बल्कि गुजरात और उत्तरप्रदेश के किसान भी शिवराज सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की तैयारी कर रहे हैं। पुलिस की गोली से जिन 6 किसानों की मौत हुई है उनमें से 5 पाटीदार समाज के किसान हैं। जिन किसानों की मौत हुई है उनमें कन्हैयालाल पाटीदार, बंटी पाटीदार, चैनाराम पाटीदार, अभिषेक पाटीदार, सत्यनारायण पाटीदार हैं। मंदसौर में ही घायल आरिफ नाम के शख्स को इंदौर ले जाया जा रहा था जिसकी रास्ते में ही मौत हो गयी।

उधर किसानों की मौत को लेकर बिहार की नीतीश सरकार भी कुछ ज्यादा ही नाराज दिख रही है। मध्यप्रदेश में किसानों के आन्दोलन और सरकार की नीति को समझने के लिए जदयू का एक नेता पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। खबर है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को नीतीश कुमार वहां भेज रहे हैं। शरद यादव किसानों की हालत को समझकर वहां पार्टी की नयी रणनीति तैयार करेंगे और किसानों को न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। शरद यादव के किसान आन्दोलन स्थल पर पहुचने की सूचना के बाद शिवराज सरकार हालात को नियंत्रित करने के लिए पूरी तैयारी करती दिख रही है।

खबर है कि कुछ संगठनों को तोड़कर शिवराज सरकार ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा कर दी थी। लेकिन हकीकत में किसानों की मांग सुनी ही नहीं गईं थी। मंगलवार को अपनी फसल का उचित मूल्य मांग रहे किसानों पर शिवराज सरकार ने गोलियां चलवा दीं जिससे 6 किसानों की मौत हो गई, दर्जनों किसानो के घायल होने की खबर है। किसानों की मौत को  हत्या बताते हुए जदयू  खुलकर विरोध में आ गई है। जेडीयू महासचिव अखिलेश कटियार मध्यप्रदेश पहुंच चुके हैं और पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। कटियार ने  कहा है कि जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस घटना को लेकर बहुत गंभीर हैं। किसान देश का अन्नदाता है उसके साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नही किया जाएगा। कटियार ने कहा है कि जदयू हर लड़ाई में किसानों के साथ है। इसलिए किसान आंदोलन के समर्थन में और किसानों की हत्या के विरोध में कल यानि सात जून को जेडीयू नेता शरद यादव इंदौर पहुंच रहे हैं।

किसान सेना के संयोजक केदार पटेल के मुताविक  किसानों ने मप्र सरकार को 32 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था। इन पर  सीएम से चर्चा हुई थी। किसानों की मुख्य मांग है कि मप्र सरकार ने एक कानून बनाकर किसानों की जमीन लेने के बदले मुआवजे की धारा 34 को हटा दिया था और किसानों के कोर्ट जाने का अधिकार वापस ले लिया था। इस कानून को हटाना किसानों की पहली मांग है। किसानों की मांग  है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं जिनमें कहा गया है कि किसी फसल पर जितना खर्च आता है, सरकार उसका डेढ़ गुना दाम दिलाए। इसके अलावा एक जून से शुरू हुए आंदोलन में जिन किसानों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लेने और मप्र के किसानों की कर्जमाफी के साथ ही सरकारी डेयरी द्वारा दूध खरीदी के दाम बढ़ाए जाने की मांग किसान कर रहे हैं।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और नीतीश कुमार का जदयू वहां चुनाव लड़ने की रणनीति बना चुकी है। प्रदेश में जदयू की इकाई तैयार हो गयी है। देखना होगा कि किसानों का यह आन्दोलन राजनीति को किस ओर मोड़ता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here