मोदी सरकार पर गहरा इल्जाम राज बब्बर का

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कांग्रेस नेता  राज बब्बर ने आरोप लगाते हुए कहा कि देश को कम से कम 45 लड़ाकू इकाइयों की जरुरत है, लेकिन ये संख्या वर्तमान में 32 पर आ गई है, यूपीए की सरकार में ये आंकड़ा इतना नीचे नहीं गिरा था।

अखिलेश अखिल

भोपाल में कांग्रेस नेता राज बब्बर ने देश की सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि एक तरफ सैकड़ों जवान मारे जा रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार अपने तीन साल पूरा होने के जश्न के नाम पर पैसा फूंक रही है। संवाददाताओं से चर्चा के दौरान राज बब्बर ने कहा  कि ‘ कश्मीर हिंसा में पांच सौ से ज्यादा जवान और आठ सौ से ज्यादा नागरिक अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले 6-7 महीने में पाकिस्तान ने तीन बार चौकियों पर हमला बोलते हुए हमारे जवानों को मारा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा में भी इस बात को स्वीकार किया है कि सैन्य अधिकारियों के नौ हजार पद, कनिष्ठ अधिकारियों के 25 हजार पद और सेना में करीब 52 हजार अन्य पद रिक्त हैं, लेकिन इन पदों को भरने के बजाए भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार जश्न में पैसा बर्बाद कर रही है।राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में केंद्र सरकार पर खराब प्रदर्शन का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में रक्षा बजट में करीब आठ हजार करोड़ की कटौती कर दी गई है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश को कम से कम 45 लड़ाकू इकाइयों की जरुरत है, लेकिन ये संख्या वर्तमान में 32 पर आ गई है, यूपीए की सरकार में ये आंकड़ा इतना नीचे नहीं गिरा था। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार में भारत और फ्रांस के बीच 126 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी का अनुबंध हुआ था, मौजूदा सरकार में ये संख्या घट कर 36 पर आ गई है, यहां तक कि अब तक एक भी विमान पहुंचा नहीं है।उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पिछले तीन साल में देश में तीन सौ से ज्यादा आतंकी घटनाएं हुई हैं, जबकि पिछले 21 महीने में ऐसे 12 बड़े मामले सामने आए हैं। नक्सली घटनाओं में भी दो हजार 71 से ज्यादा जवान शहीद हो चुके हैं। क्या इन शहीदों के परिजन की इस जश्न में कोई भागीदारी होगी।
केंद्र सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता बब्बर ने कहा कि रूस ने पाकिस्तान को हथियार देने की बात कही है, जो कांग्रेस के सत्ता में रहते कभी नहीं हुआ। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे अपने परिधान के अनुरूप काम कर रहे हैं। वहीं इलेक्ट्रॉनिक वोटर मशीनों संबंधित सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को मशीनों की विश्वसनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए।

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