मोदी ने पारादीप रिफाइनरी का किया उद्घाटन

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प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे गर्व है कि इसका उद्घाटन करने का सौभाग्य मुझे मिला है. मोदी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट का हमारे पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा शिलान्यास किया गया था.पीएम ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आजकल जब मैं किसी प्रोजेक्ट का उद्घाटन करता हूं तो विपक्षी कांग्रेस कहती है कि इसे हमने शुरू करवाया था. उन्होंने कहा कि पारादीप रिफाइनरी को शुरू होने में 15 साल लग गए जो पहले ही शुरू किए जा सकते थे.

पीएम ने कहा कि पारादीप रिफाइनरी के शुरू हो जाने से यहां के युवकों को रोजगार तो मिलगा ही साथ ही राज्य का विकास भी होगा. 35 हजार करोड़ के लागत से पारादीप रिफाइनरी बनी है जो ओडिशा के भाग्य को बदल देगा.इस कार्यक्रम से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरी में मंदिर जाकर भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए. उन्होंने यहां पहुंचने के बाद थोड़ी देर गाडी के गेट पर खडे होकर वहां पहुंचे लोगों का अभिनंदन किया.

ओडिशा दौरे की शुरूआत पीएम ने सुबह राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर) के नए परिसर के उद्घाटन के साथ की जिसके बाद उन्होंने एनआईएसईआर के छात्रों एवं संकाय सदस्यों के साथ संवाद के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सौर उर्जा को संग्रहित करना एक चुनौती है.मोदी ने कहा कि मैंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे नवोन्मेष को लोगों के लिए उपयोगी बनाएं और ऐसी तकनीक विकसित करें जो पर्यावरण पर बिना कोई विपरीत प्रभाव डाले आमजन के लिए किफायती साबित हो.

मोदी ने भुवनेश्वर के निकट जटनी में राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर) के नए परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘अनुसंधान में शामिल हर किसी को शायद नोबेल पुरस्कार नहीं मिले, लेकिन उनके लिए असली पुरस्कार यह है कि उनका अन्वेषण आम लोगों के लिए उपयोगी हो.’देश के पारंपरिक ज्ञान पर मोदी ने कहा, ‘डॉक्टर मंजुल भार्गव पांडुलिपियों से ज्ञान अर्जित करके एक महान गणितिज्ञ बने. उनके पिता संस्कृति के विद्वान थे. हमें विज्ञान एवं तकनीक के साथ के पारंपरिक ज्ञान को जोडना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को लोगों के लिए किफायती बनाने की होनी चाहिए जिसका जीरो-इफेक्ट एवं जीरो डिफेक्ट हो.’प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जीरो-इफेक्ट’ का मतलब पर्यावरण पर किसी विपरीत प्रभाव नहीं पडने और दुष्प्रचार से मुक्त होने से है. मोदी ने कहा कि ओडिशा के पास बडा कोयला भंडार है. ऐसे में किफायती, सस्ती और हरित तकनीक का विकास होना चाहिए ताकि कोयला गैसीकरण यहीं विकसित हो सके.