बुलेट चलाए भारत -चीन

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chinaचाइना रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर झाओ गुओतांग ने कहा, ‘एक अरब से अधिक आबादी के साथ चीन और भारत के हालात कमोबेश एक जैसे ही हैं भारत को बुलेट ट्रेन चलाने की ओर अपने कदम बढ़ाने चाहिए।

भारतीय मीडिया और थिंक टैंक से बातचीत के दौरान झाओ ने कहा कि बीते दशकों में चीन दुनिया में दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है, लेकिन उस वक़्त यहां भी भारत जैसी ही परिस्थितियां थीं। निश्चित तौर पर भारत को भी विकास को आगे बढ़ाने के लिए बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को गति देनी चाहिए। हाई स्पीड ट्रेनें 160 से 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती हैं, जबकि बुलेट ट्रेनें करीब 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सफर तय करती हैं।

भारत के बारे में पूछने पर झाओ ने कहा कि हाई स्पीड ट्रेनें और बुलेट दोनों चलना बेहतर रहेगा, लेकिन बुलेट चलती है तो इससे गति काफी बढ़ेगी। दूरी कम होगी और समय बचेगा तो कारोबार भी रफ्तार पकड़ेगा। भारत ने रेलवे में सुधार के लिए चीन से समझौता किया है, इसके तहत चेन्नै, मैसूर वाया बेंगलुरु रूट पर हाई स्पीड ट्रेन चलाने की योजना भी शामिल है। इसके तहत चीन भारत के 100 रेलवे कर्मियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।

फिलहाल चीन भारत में नई दिल्ली से चेन्नै के बीच 2,000 किमी के रूट पर हाईस्पीड ट्रेनें चलाने के लिए फिजिबिलिटी टेस्ट कर रहा है। जबकि जापान मुंबई-अहमदाबाद रूट पर सर्वे करने के काम में जुटा है। झाओ ने बताया कि चीन में फिलहाल 1600 किमी के रेलवे ट्रैक के 40 रूटों पर सैकड़ों बुलेट ट्रेनें चल रही हैं। अकेले चीन से शंघाई के 1300 किमी के रूट पर ही चाइना रेलवे 180 बुलेट ट्रेनें चलाता है, जबकि रविवार को यह संख्या बढ़कर 240 हो जाती है।